POWER SYSTEM

Published by ASHA CHAUHAN on

पावर सप्लाई सिस्टम बहुत विशाल और कॉम्प्लिकेटेड सिस्टम होती है। 

पावर सप्लाई सिस्टम में 11KV, 33KV, 66KV, 132KV, 220KV AND 440KV वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।

INTRODUCTION [ POWER SYSTEM ]

पावर सप्लाई सिस्टम बहुत विशाल और कॉम्प्लिकेटेड सिस्टम होती है। 

इस प्रकार के सिस्टम में प्रोटेक्शन के लिए और पावर सप्लाई के लिए तथा उस पावर सप्लाई को जोड़े रखने के

लिए अनेक प्रकार के इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट लगे होते है जो प्रोटेक्शन और सप्लाई के हैल्थी और अन्हेल्थी कंडीशन

के दरम्यान उपयोगी होते है। 

पावर सिस्टम में अनेक प्रकार के खामी, नुकशान, इलेक्ट्रिकल भाषा में कहे तो शोक सर्किट, इलेक्ट्रिकल ब्रेकर

प्रॉब्लम जैसे अनेको प्रॉब्लम आते है। 

इस प्रकार के खामी, नुकशान, इलेक्ट्रिकल शोक सर्किट का निवारण किया जा सकता है इसलिए इसके लिए 

कदम उठाये जाते है। 

परन्तु ऐसा होने पर उसमे लगे एल्क्ट्रिकल इक्विपमेंट, सर्किट ब्रेकर , इलेक्ट्रिकल मशीन जैसे बहुत साधनो को

नुकशान होता है और जब तक इलेक्ट्रिकल साधन की रिपेयरिंग, मेंटेनेंस न हो सके तो  तब तक वहाँ तक लोड 

को पावर नहीं दिया जा सकता है। 

पावर सिस्टम में इसलिए सभी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट के प्रोटेक्शन के लिए जगह जगह पर सर्किट ब्रेकर उपयोगी है। 

पावर सिस्टम  [ POWER SYSTEM ]

पावर सिस्टम में 11KV, 33KV, 66KV, 132KV, 220KV AND 440KV वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।  

इस प्रकार के पावर सिस्टम जैसे हाई वोल्टेज सिस्टम में करंट की वैल्यू भी बहुत ज्यादा होती है जो फॉल्ट के

दरम्यान न जाने कितने हजार एम्पेयर [ 1000 + Amp ] तक होती है। 

पावर सिस्टम में प्रोटेक्टिव रिले का उपयोग किया जाता है इस प्रकार की रिले हाई वोल्टेज और हाई करंट पर

ऑपरेट नहीं किया जा सकता है  और इसलिए ऐसी कंडीशन में प्रोटेक्टिव ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है। 

पोटेंशियल ट्रांसफार्मर की हेल्प से हाई वोल्टेज को 110 V पर स्टेप डाउन किया जाता है। 

जब की करंट ट्रांसफार्मर की हेल्प से हाई करंट की वैल्यू को लो करंट वैल्यू में स्टेप डाउन  करता  है।

थ्री फेज सिस्टम को दो तरीके से उपयोग में लिया जाता है। 

[1] पहले मेथड में सिस्टम में न्यूट्रल को ग्राऊंड नहीं किया जाता है इसे आइसोलेटेड न्यूट्रल सिस्टम [ ISOLATED

NEUTRAL SYSTEM ] और फ्री न्यूट्रल सिस्टम [ FREE NEUTRAL SYSTEM ] भी कहा जाता है। 

[2] दूसरे मेथड में न्यूट्रल को सीधा अथवा रेसिस्टर या रिएक्टर को न्यूट्रल की तरह ग्राउंड किया जाता है इसमें से 

दूसरी प्रकार की मेथड ज्यादा फेमस है। 

बेसिक एलिमेंट ऑफ़ द पावर सिस्टम [ BASIC ELEMENT OF THE POWER SYSTEM ]

पावर सिस्टम को मुख्य तीन भागो में बांटा गया है। 

[1] जनरेटिंग स्टेशन [ Generating station ]

[2] लोड सेंटर [ Load centre ]

[3] जनरेटिंग स्टेशन [ Generating station ] और लोड सेंटर [ Load centre ] के बीच जोड़ती लिंक

 

जनरेटिंग स्टेशन में इलेक्ट्रिकल पावर जेनेरेट किया जाता है इसलिए प्राइम मूवर तथा उसे चलाने वाले जरूरी

साधनो में एक्ससिटेर [ Exciter ] स्टेप अप ट्रांसफार्मर, सर्किट ब्रेकर वगैरह का समावेश होता है। 

लोड सेंटर में इलेक्ट्रिक पावर को यूज़ करते कंस्यूमर जैसे की फैक्ट्री, शॉप, वाटर सप्लाई, हॉस्पिटल, सिनेमा 

वगैरह है। 

जनरेटिंग स्टेशन [ Generating station ] और लोड सेंटर [ Load centre ] के बीच जोड़ती लिंक ट्रांसमिशन 

लाइन, सबस्टेशन और डिस्ट्रब्यूटशन लाइन से जुडी हुई होती है। 

आधुनिक पावर सप्लाई सिस्टम बहुत जटिल है खास करके जनरेटिंग स्टेशन [ Generating station ] और लोड

सेंटर [ Load centre ] के बीच जोड़ती कड़ी बहुत जटिल है। 

पावर सप्लाई सिस्टम का सिंगल लाइन डायग्राम आकृति में बताया गया है। 

पावर जनरेटर 11 KV के आसपास वोल्टेज को जेनेरेट करता है।  जनरेटिंग स्टेशन में रखा हुआ स्टेप अप

ट्रांसफार्मर वोल्टेज ट्रांसमिसिशन के वोल्टेज को स्टेप अप करता है। 

सामान्य रूप से यह वोल्टेज 132KV, 220KV AND 440KV होता है। 

लॉन्ग डिस्टेंस में के लिए दो अथवा तीन ट्रांसमिशन लाइन डिफरेंट डिफरेंट एरिया में लाया जाता है। इसे हाई

वोल्टेज ट्रांसमिशन अथवा प्राइमरी ट्रांसमिशन कहते है और प्रत्येक लाइन के सिरे पे रेसिविंग स्टेशन होता है। 

यहाँ पर वोल्टेज को समान्य रीत से 66KV पर स्टेप डाउन किया जाता है।  

रिसीविंग स्टेशन में से 66KV की लाइन को अलग अलग एरिया में पहुंचाया जाता है। इसे सेकंडरी ट्रांसमिशन 

कहा जाता है  लाइन के सिरे में सबस्टेशन रखने में आता है। 

सबस्टेशन में ट्रांसफार्मर की मदद से 66KV वोल्टेज को 11KV में स्टेप डाउन किया जाता है। 

11KV सबस्टेशन से निकलनेवाली ट्रांसमिशन लाइन फक्ट्री वगैरह जैसे HT कंस्यूमर को सप्लाई दिया जाता है। 

इसलिए इसे हाई वोल्टेज अथवा प्राइमरी डिस्ट्रीब्यूशन कहा जाता है। 

11KV के फीडरों को भी अलग अलग एरिया में ले जाया जाता है और इस फीडर के सिरे डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉमर होता

है। जिसे पोल पर रखा जाता है जिसे पोल माउंटेड सबस्टेशन कहते है। 

यह पोल माउंटेड सबस्टेशन ( ट्रांसफार्मर ) 11KV को 415V में स्टेप डाउन करता है। 

इस 415V की लाइन विविध शहरो गलियो में दौड़ाया जाता है। इसमें से LT कंस्यूमर को सिंगल फेज अथवा थ्री फेज

सप्लाई दिया जाता है। 

इसलिए इसे LOW वोल्टेज अथवा सेकंडरी डिस्ट्रीब्यूशन कहा जाता है 

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ER. SURENDRA KUMAR CHAUHAN


1 Comment

  • POWER SUPPLY SYSTEM - ENGINEERING TECH · May 9, 2021 at 2:57 pm

    […] large blocks of power and 3-phase 4-wire AC system is usually adopted […]

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