करंट लिमिटिंग रिएक्टर

Published by ASHA CHAUHAN on

करंट लिमिटिंग रिएक्टर 

करंट लिमिटिंग रिएक्टर Current limiting reactor को सीरीज रिएक्टर की तरह भी जाना जाता है

इसे FEEDER, GENERATOR अथवा  BUS SECTION के साथ जोड़ा जाता है उसका उपयोग शार्ट सर्किट की स्तिथि के टाइम शार्ट सर्किट करंट को लिमिट करता है

Current limiting reactor करंट लिमिटिंग रिएक्टर की रचना और उसके प्रकार 

करंट लिमिटिंग रिएक्टर Current limiting reactor के मुख्य दो प्रकार है

[1] आयर्न कोर टाइप 

[2] एयर कोर टाइप 

आयर्न कोर प्रकार के रिएक्टर में लैमिनेट किया हुआ आयर्न कोर पर वाइंडिंग लपेटने में आती  है इस प्रकार के रिएक्टर में शार्ट सर्किट के टाइम कोर का सेच्युरेशन होता है जिससे रेअक्टैंस घटता है

इस तरह न हो इसलिए कोर में एयरगैप  रखा  जाता है  और सेच्युरेशन को कम करने के लिए कोर का क्रोसेक्शन ज्यादा रखा जाता है

इससे खर्च बढ़ता है इसके अलवा इसमें कोर के कारण इसमें एड्डी करंट लॉस [ EDDY CURRENT LOSE] होता है और हिस्टेरिसेस लॉस  [ HYSTERISES LOSE ] भी बढ़ता है यह लॉस KVA का 4 से 5 % जितना होता है

एयर कोर प्रकार के रिअक्टैंस में आयर्न कोर प्रकार का उपयोग नहीं किया जाता है जिससे शार्ट सर्किट के टाइम पर उसका रिअक्टैंस में कोई घटाव  होता नहीं है एयर कोर प्रकार के रिअक्टैंस के दो प्रकार है

[1] बेयर अथवा ड्राय प्रकार 

[2] आयल ईमर्स्ड प्रकार 

बेयर अथवा ड्राय प्रकार के रिएक्टर में खास डिज़ाइन हुए कंक्रीट स्लैब में सर्कुलर कोइल अथवा स्टैंडर्ड कॉपर के बसबार रखे  जाते है

इससे शार्ट सर्किट के समय उत्पन्न होने वाला मैकेनिकल फाॅर्स सामने प्रोटेक्शन मिलता है इस प्रकार के रिएक्टर की कूसिंग नेचुरल एयर सर्कुलेशन प्रकार का अथवा फोर्स्ड एयर सर्कुलेशन प्रकार का हो सकता है

रिएक्टर को कंक्रीट प्लेटफार्म पर रखकर उसके पोर्सिलेन पोस्ट इंसुलेटर पर रखा जाता है

इस प्रकार की रचना में नुकशान भी होता है जो नीचे बताये गए है

[1] ज्यादा से ज्यादा जगह रोकती है

[2] बड़ी कोइल के कूलिंग के लिए मुश्किल पैदा होती है

[3] आउटडोर सर्विस के लिए अनुकूल नहीं है

[4] इसका उपयोग सिर्फ 33 KV तक ही सिमित है

आयल ईमर्स्ड प्रकार के रिएक्टर में इंडक्टर को पावर ट्रांसफार्मर की तरह टैंक में रखा जाता है और उसमे आयल भरने में आता है

आयल ईमर्स्ड प्रकार के रिएक्टर का फायदा नीचे दिया गया है 

[1] फ़्लैश ओवर के सामने अधिक प्रोटेक्शन

[2] कम कद [ छोटा आकार ]

[3] उच्च थर्मल क्षमता

[4] 33 KV से अधिक वोल्टेज वाले लेवल के लिए उपयोगी है

आयल ईमर्स्ड रिएक्टर के दो प्रकार की रचना है 

[1] नॉन मेग्नेटिकली शैल्डेड आयल ईमर्स्ड रिएक्टर 

[2] शैल्डेड आयल ईमर्स्ड रिएक्टर

नॉन मेग्नेटिकली शैल्डेड आयल ईमर्स्ड रिएक्टर में एयर कोर वाली कोइल का उपयोग होता है जो एल्युमीनियम से बानी ट्यूब प्रकार की एन्क्लोज़र में रखा जाता है उसे टैंक में रखा जाता है और उसमे आयल भरा जाता है

नॉन मेग्नेटिकली शैल्डेड आयल ईमर्स्ड रिएक्टर में कोर वाली कोइल का उपयोग नहीं होता है अथवा गैप वाली कोर का उपयोग किया जाता है मैग्नेटिक सर्किट के सेंट्रल कोर पर सिंगल डिस्क वाइंडिंग रखने में आता है और कोइल असेंबली को आयल में रखा जाता है

करंट लिमिटिंग रिएक्टर (Current limiting reactor ) का स्थान 

 

पावर सिस्टम में करंट लिमिटिंग रिएक्टर को नीचे दर्शाये गए रीत से जोड़ा जाता है

[1] जनरेटर रिएक्टर  

[2] फीडर रिएक्टर 

[3] बसबार रिएक्टर  

 

   (a) रिंग सिस्टम 

   (b) टाइबार सिस्टम 

[1] जनरेटर रिएक्टर 

इस प्रकार के सिस्टम में प्रत्येक जनरेटर के सीरीज में रिएक्टर जोड़ा जाता है यह रिएक्टर मशीन को व्यक्तिगत रूप से प्रोटेक्शन देता है

इस प्रकार के मेथड में दिए कुछ हानिया है 

[1] जब कोई फीडर में फाल्ट होता है तब रिएक्टर में बहोत वोल्टेज ड्राप होता है इससे बसबार वोल्टेज बहुत प्रमाण में घट जाता है परिणाम स्वरुप बसबार पर जुड़ा हुआ जनरेटर सिंक्रोनाइस में से अलग हो जाता है इससे सिस्टम के स्टेबिलिटी को नुकशान होता है

[2] सामान्य स्तिथि में देखा जाये तो रिएक्टर में से फुल लोड करंट फ्लो होता है जिससे वोल्टेज ड्राप होता है इसे रिएक्टर में पावर लॉस होता है

[2] फीडर रिएक्टर 

 

इस प्रकार के सिस्टम में प्रत्येक फीडर के सीरीज में रिएक्टर जोड़ा जाता है

CURRENT LIMITING REACTOR

लाभ 

[1] जब कोई फीडर में फाल्ट होता है तब रिएक्टर में वोल्टेज ड्राप होता है बसबार वोल्टेज पर कोई असर नहीं होता है

[2] एक फीडर पर हुआ फाल्ट दूसरे फीडर पर कोई असर नहीं  होता है

हानियाँ 

[1] बसबार पर शार्ट सर्किट हो तो जनरेटर को प्रोटेक्शन नहीं मिलता है

[2] नार्मल ऑपरेशन में रिएक्टर अड्रेस वोल्टेज ड्राप होता है और सतत पावर लॉस होता है

[3] बसबार रिएक्टर  

 

रिएक्टर में होने वाला सतत वोल्टेज ड्राप लॉस को घटाने के लिए बसबार रिएक्टर का उपयोग  है

इसमें दो प्रकार है

   (a) रिंग सिस्टम 

   (b) टाइबार सिस्टम 

 

(a) रिंग सिस्टम 

 

इस प्रकार के सिस्टम में बसबार सेक्शन में होता है हर एक सेक्शन पर जनरेटर और फीडर जोड़ने में आता है और हर सेक्शन को बसबार सेक्शन की तरह ही जोड़ा जाता है

CURRENT LIMITING REACTOR

सामान्य संजोगो में रिएक्टर में से खास करंट फ्लो नहीं होता  है इसलिए इसमें वोल्टेज ड्राप और पावर लॉस नहीं होता इसे ररिएक्टर में अधिक प्रतिरोध के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है

जब कोई फीडर पर फाल्ट होता है तब जनरेटर उस फाल्ट को फीड करता है और तब दूसरे जनरेटर द्वारा फीड होने वाला करंट रिएक्टर में फ्लो होता है उससे उसकी मैग्नीट्यूड में घटाव होता है

 (b) टाइबार सिस्टम 

टाई बार सिस्टम ये रिंग सिस्टम का मॉडिफिकेशन है

CURRENT LIMITING REACTOR

इसमें जनरेटर को कॉमन बसबार के साथ जोड़ने में आता है परन्तु जनरेटर को फीडर साइड से फीड किया जाता है ऑपरेशन पूरा रिंग सिस्टम जैसा होता है

जब कोई फीडर पर फाल्ट होता है  तब जनरेटर फाल्ट को फीड करता है जबकि दूसरे जनरेटर की रिएक्टर को फाल्ट फीड करने को कहता है

इस प्रकार जिस सिस्टम में अधिक जनरेटर को जोड़कर उसको मॉडिफाई करना हो तो इस प्रकार के सिस्टम का उपयोग किया जाता है


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